Delhi Blast Case: आतंकी आदिल की WhatsApp चैट में पैसों की भीख!

शकील सैफी
शकील सैफी

दिल्ली ब्लास्ट मामले में आरोपी डॉ. आदिल की नई WhatsApp चैट्स सामने आते ही पूरा मामला एक अजीब मोड़ लेता नजर आ रहा है। जहां जांच एजेंसियां ब्लास्ट की कड़ियों को जोड़ रही हैं, वहीं चैट्स देखकर ऐसा लग रहा है कि साहब को ब्लास्ट से ज्यादा टेंशन सैलरी क्रेडिट की थी।
मतलब अपराध भी फुल “पेमेंट के बाद ही डिलीवरी” मॉडल में चल रहा था!

5–9 सितंबर की चैट: ‘सर प्लीज पैसे दे दो… बहुत जरूरत है!’

सामने आई चैट्स में आदिल बार-बार सैलरी के लिए मैसेज कर रहा है, मानो HR की हड़ताल चल रही हो।

5 सितंबर:

“Good afternoon sir… salary credit कर दीजिए… बहुत जरूरत है सर…”
अरे भैया, HR को इतना मैसेज कोई नौकरी वाला भी नहीं करता!

6 सितंबर:

“Good morning sir, कर दीजिए…”
लगता है अलार्म लगाकर रोज सुबह “सैलरी मंत्र” जपते थे।

7 सितंबर:

“सर, salary jaldi chahiye… पैसे चाहिए… आपकी बहुत मदद होगी!”
यहाँ तक आते-आते vibe पूरी “Paytm करो भैया, भूख लगी है” टाइप हो गई।

9 सितंबर:

खाते में ₹1 लाख सैलरी का हिस्सा जमा हो भी गया — लेकिन आदिल का पेट? वो नहीं भरा!
फिर बोला— “और पैसे चाहिए सर…”

जांच एजेंसियों का शक: क्या इन्हीं पैसों से खरीदा गया विस्फोटक?

NIA और अन्य एजेंसियों का अनुमान है कि लगातार पैसों की मांग और फिर अचानक 1 लाख रुपये मिलना कोई संयोग नहीं। ब्लास्ट में इस्तेमाल ₹26 लाख में से ₹8 लाख सिर्फ आदिल ने दिए थे।

सवाल बड़ा है— क्या अस्पताल से मिली सैलरी ब्लास्ट फंडिंग में गई?

आतंकी प्लानिंग का नया मॉडल: “सैलरी आएगी तो ब्लास्ट करेंगे”

ये चैट एक अजीब सच दिखाती है— भारत की सुरक्षा एजेंसियां हाई-टेक परफॉर्म कर रही हैं, लेकिन आतंकवादी?
अभी भी “salary credited” नोटिफिकेशन पर चलते हैं!

कर्मचारी चाहे अच्छा हो या आतंकी—सैलरी में लेट सबको चुभती है!

दिल्ली ब्लास्ट केस केवल एक सुरक्षा केस नहीं, यह अपराध और पैसों के रिश्ते पर बड़ा सवाल भी है। और यह दिखाता है कि कई बार बड़े अपराधों की जड़ें बेहद छोटी, घटिया और लोभ-भरी वजहों से शुरू होती हैं।

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